Sunday, September 28, 2008

दिल्ली में इससे पहले हुए आतंकी हमले

किसको दोष दे? दिल्ली में इससे पहले हुए आतंकी हमले -
13 सितंबर, 2008 : करोलबाग, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश में हुए बम धमाकों में 24 लोग मारे गए और सौ से अधिक घायल हो गए।
29 अक्टूबर, 2005 : सरोजिनी नगर/पहाड़गंज/गोविंदपुरी में हुए धमाकों में 59 लोगों की जान गई व 155 घायल हुए।
13 दिसंबर, 2001 : संसद पर हुए हमले में 11 लोग मारे गए और 30 घायल हो गए।
18 जून, 2000 : लाल किले पर हुए हमले में 2 लोग मारे गए।
16 अप्रैल, 1999 : होलंबीकलां रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके में 2 लोग मारे गए।
26 जुलाई, 1998 : अंतरराज्यीय बस अड्डे पर हुए विस्फोट में 2 लोगों की मौत, 3 घायल।
30 दिसंबर, 1997 : पंजाबी बाग में हुए विस्फोट में 4 लोग मारे गए तथा 30 घायल।
30 नवंबर, 1997 : चांदनी चौक में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए और 73 घायल हो गए।
1 अक्टूबर, 1997 : फ्रंटियर मेल में हुए धमाके में 3 लोग मारे गए।

१० सालो में इतना आतंक, समझ नही आता की किसको दोष दे?

Saturday, September 27, 2008

बिग बॉस - संभावना सेठ.

ये है बिग बॉस का घर, ये है बिग बॉस का घर।
देखी सारी दुनिया, इंडिया से लेकर अमेरिका। मगर ऐसी महान लड़की नही देखी। बात बात पर गाली-गलोज। पार्टी है, तो अश्लीलता का प्रदर्शन। सम्भावना जी इतनी गली देती है, की शिल्पा को भी उन्हें बीपाशा कह कर बुलाना पड़ा। क्यों की जब भी वो गली देती है, शो वाले बीप बीप कर देते हैं।
समझ नही आता की ऐसे लोग के परेंट्स, कैसे अपने बच्चो को पालते हैं। क्या कुछ भी नही सिखाया। कैसे समाज में पल कर बड़े हुए हैं ये लोग। और आने वाले जेनरेशन को क्या देंगे ये।
आज के समाज के बिगड़ते हालत की जिम्मेदारी किसकी है?

बिग बॉस - एक रियलिटी शो??

कुछ दिन पहले ही मुझे इस रियलिटी शो के बारे में पता चला। शुरू में देखा तो काफी दिलचस्प और मजाकिया लगा। लेकिन धीरे धीरे सच्चाई नजर आने लगी। एक और नाटक देश को बरबाद करने के लिए। खुले आम अश्लीलता और ग़लत शब्दों का प्रयोग।
कम से कम एक बार तो सोचना चाहिए की छोटे बच्चे देख्नेगे तो क्या सीखेंगे। शर्म नाम की चीज ही नही रह गई है। और हमारे महान सेंसर बोर्ड। उनको तो कुछ भी कहना बेकार है। जरूरत है हम सब लोगो को मिलकर आवाज उठाने की। ऐसे रियलिटी शो को तो बंद कर देना चाहिए।

Thursday, September 25, 2008

धन्यवाद!!

आप सभी लोगो को बहुत बहुत धन्यवाद। अच्छा लगा जानकर की आप लोगो को मेरा लेख अच्छा लगा। वैसे तो मै रोज नही लिख पाता हूँ, लेकिन कभी कभी समय चुरा लेता हूँ अपने विचारो को आप सभी लोगो के साथ बाटने के लिए।
अभी मैंने कमेंट्स वेरिफिकेशन हटा दिया है शास्त्री जी के सुझाव के अनुसार। मगर अभी भी मुझे ये खोजना है की आप लोगो के कमेंट्स का उत्तर कैसे दूँ। अगर किसी को मालूम है तो कृपया मुझे बता दें।

धन्यवाद।
आशीष।

Friday, September 19, 2008

रामदेव, आज की जरूरत.

साधू सन्यासी तो बहुत हैं अपने देश में, मगर कोई भी वो नही कर सका जो बाबा रामदेव जी कर रहे हैं। और ये देख कर अच्छा लग रहा है की चलो कोई तो है जो देश को सही दिशा दिखाने की कोशिश कर रहा है।
पहले योग, उसके बाद अमरनाथ मुद्दा और अब गंगा सफाई अभियान। धीरे धीरे लोगो की सही दिशा दिखने की अनोखी पहल।

उम्मीद करता हूँ की सभी लोगो का उनको समर्थन मिलेगा और देश एक नई दिशा में कदम रखेगा।
जय हिंद!!

Saturday, September 13, 2008

दिल्ली फ़िर दहली.

पाटिल जी को क्या कहें, जब भी कुछ हो जाता है तो सिर्फ़ वो यही कहते है की हम नजर रखें हैं और दोषी लोगो को कड़ी से कड़ी सजा देंगे। अफजल गुरु जो जेल में बंद है उसको तो आज तक सजा नही दे पा रहे हैं।

बार बार देश को धमाको से दहलाने की साजिश कामयाब हो रही है। अब और नही । या तो सरकार कड़े नियम बनाये, और दोषी लोगो को तुंरत सजा दे, या फ़िर अगले चुनाव में हारने को तयार रहे।

Monday, September 8, 2008

राज ठाकरे और गिलानी.

इसे देश का दुर्भाग्य ही कह्नेगे की जहाँ एक ओर गिलानी जी घाटी में पाकिस्तान का राग अलाप रहे हैं वहीँ दूसरी ओर राज ठाकरे मराठी मानुष का नाटक। सत्ता का लालच इन्सान को कितना गिरा सकता है ये दोनों इसके उदाहरण हैं।

मुझे समझ नही आता की हमारी सरकार और देश के माननीय नेता लोग मौन क्यों हैं। क्या हर जगह अब कश्मीर की तरह लोगो को सड़क पर आना पड़ेगा??