धीरे धीरे, जैसे की मोह भंग होता जा रहा है। आज अपने ही देश में थोडी सी ज़मीन नसीब नही है लोगो के लिए। अगर यही जमीन वहां पर मन्दिर बनाने के लिए मांगी होती, फ़िर क्या होता।
सिर्फ़ लोगो को तकलीफ ना हो इसलिए वहां पर सुविधायें देने के लिए ज़मीन देने में इतनी दिक्कत। धिक्कार है, ऐसे सरकार पर। और हमारे माननीय गृहमंत्री जी कह रहे हैं की वो नजर रखे हैं। जल्दी ही समस्या का समाधान हो जाएगा। ६० दिन हो गए, बच्चा बच्चा सडको पर आ गया, और मंत्री जी सिर्फ़ नजर रखे हुए हैं। किस पर नजर रखें है, ये तो वे ही जाने, और उनका ईमान।
दुःख होता है देश की ये हालत देख कर।
Friday, August 22, 2008
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