Friday, August 29, 2008

सरकारी नौकरी और उमर के दोहरे मानदंड

एक तरफ़ तो हमारे देश में सरकारी नौकरी के लिए घूस ली जाती है फ़िर उमर की सीमा भी तय की जाती है। मानता हूँ की जब इंसान काम नही कर सकता तो नौकरी छोड़ देनी चाहिए लेकिन ये उमर सीमा सिर्फ आम जनता के लिए ही क्यों।
हमारे माननीय नेता लोग की उमर सीमा क्यों नही होती। नेता लोग क्यों नही सन्यास ले लेते हैं, जब उनकी उमर हो जाती है।
सम्मान करता हूँ की उन्होंने देश के लिए काम किया लेकिन जब और लोगो के लिए उमर सीमा है तो नेता लोगो के लिए क्यों नही। क्या आम जनता का जिन्दगी भर काम करने और नेता लोगो का काम करने में कोई अन्तर हैं?

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