लगता है की उमर के साथ दिमाग कमजोर हो गया है श्रीमान अर्जुन सिंह जी का। जब भी बात करते हैं तो उनकी बात बिना सर पैर की होती है। अब नया मुद्दा - शोध और रिसर्च में रिज़र्वेशन।
अरे मेरे भाई कोई जगह तो जाने दो। कम से कम देश कहाँ जाएगा ये तो सोचो। विश्व में तगडी पर्तिस्पर्धा है। और माननीय महोदय को क्या बोलें। ख़ुद भी उनको समझ नही आता की अब उनको अवकाश मुक्त हो जाना चाहिए।
हम कुछ बोलेंगे, तो लोग बोलेंगे की बोलता है।
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