सभी लोग देश में चुप हैं। और राज ठाकरे साहेब को जो भी मन में आता है बोलते हैं। मुझे तो ऐसा लगता है की वो देश में आतंक फैला रहे हैं। कम से कम महाराष्ट्र में तो कर ही रहे हैं। लोगो को आपस में लड़ा कर वोट लेना। किस स्तर की राजनीति है ये?
छेत्रवाद, जातिवाद - देश के लिए ठीक नही है। काश लोगो को ये बात समझ में आए और उनको अगले चुनाव में इसका जवाब दे।
Thursday, October 9, 2008
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1 comment:
राज ठाकरे खोलता है सिस्टम की पोल.
कहाँ गया कानून अब, बजता जिसका ढोल.
बजता जिसका ढोल,सङ गया है अब पूरा .
संविधान समेत फेंक दो इसको पूरा .
कह साध कवि,उलझन है कोई भी क्या करे.
सिस्टम की ही पोल खोलता राज ठाकरे.
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